Madhu varma

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लेखनी कविता -मोटू की तोंद - बालस्वरूप राही

मोटू की तोंद / बालस्वरूप राही


आलू, प्याज, टमाटर गोल,
बैगन, कद्दू गोल मटोल।

कहाँ चले जाते हैं बोल?
चुप क्यों हैं, अपना मुंह खोल।

खुल जाएगी सारी पोल।
मोटूमल का पेट टटोल!

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